जौनपुर। तीन दिन की बेमौसम बरसात और ओलावृष्टि से न केवल किसानों की कमर टूटी, बल्कि आम आदमी पर महंगाई की मार पड़ी है। सब्जियों की फसलें बर्बाद होने के बाद अचानक सब्जियों के दाम कई गुना बढ़ गये हैं। भिंडी, करैला बाजार में 100 रुपये किलो बिक रहा है तो कटहल और सूरन भी शतक के करीब हैं। इसके अलावा अभी तक जो मटर 20 रुपए प्रति किलो की दर से बिक रही थी, अब वह भी 40 रुपए प्रति किलो बिक रही है। बैंगन का भाव भी 60 रुपए प्रति किलो पहुंच गया है। बस आलू ही है जो 18 से 20 रुपये किलो मिल रहा है। आने वाले दिनों में सब्जी के रेट और बढ़ने की संभावना जताई जा रही है। अनियमित मौसम की वजह से तापमान भी अनियमित रहा और फसलों का उत्पादन भी आशा के अनुरूप नहीं होने वाला है। इसकी वजह से बाजार में मांग की अपेक्षा उत्पादन कम होने से बाजार भाव में इजाफा होना तय है। इसका असर किसानों पर तो पड़ेगा ही साथ ही महंगाई भी बढ़ेगी।
किसान कहने भर को अन्नदाता है, जो करोड़ों लोगों का पेट भरता है लेकिन इन्हीं अन्नदाताओं के लिए 365 दिन दो वक्त की रोटी के लाले पड़े रहते हैं। तीन दिन की बेमौसम बरसात ने एक बार फिर किसानों की कमर तोड़ दी है। खेत की मेड़ों पर बैठा किसान खुद अपनी बर्बादी का तमासा देखने के लिए मजबूर है। आंखें पथरा गयी हैं। अब लागत भी निकलने की उम्मीद नहीं है। सरकार नुकसान के भरपाई का दावा कर रही है लेकिन यह ऊंट के मुंह में जीरा से अधिक नहीं है। खरीफ के नुकसान की भरपाई किसान रबी में अच्छा उत्पादन कर करना चाहता था। इस बार फसलें भी काफी अच्छी थीं। कर्ज में डूबे किसानों को उम्मीद थी कि वे उत्पाद का बेंचकर कर्ज से मुक्ति पा लेंगे। कुछ किसानों ने और भी सपने पाल रखे थे लेकिन पिछला तीन दिनों में कई बार आये चक्रवाती तूफान, बरसात व ओलावृष्टि ने इनके हर सपने को चकनाचूर कर दिया। फसलों की हालत ऐसी है जैसे खड़ी फसल पर किसी ने पाटा चला दिया हो। चना, मटर, गेंहू, सरसों, आलू आदि की फसल पूरी तरह तबाह हो गयी है। सब्जी की फसलों का भी बुरा हाल है। पत्थर लगने से फलियां टूट गयी तो पौधे गिर गए हैं।
मौमस विभाग का अलर्ट
मौसम विभाग ने 20 मार्च के बाद ही मौसम सामान्य होने का पूर्वानुमान जताया है। मौसम वैज्ञानियों का कहना कि आने वाले दिनों में बादलों संग सूरज की लुकाछिपी जारी रहेगी। प्रदेश के कई स्थानों पर बारिश और ओलावृष्टि की भी भविष्यवाणी की है।