जौनपुर। किसी महिला की देवर से शादी करने की खबर तो सुनी जाती है लेकिन उस शादी में पति की मौजूदगी व रजामंदी हो हैरत में आना लाजिमी है। कुछ ऐसा ही वाकया बरसठी थाना क्षेत्र के एक गांव में देखने को मिला। प्यार में अंधी महिला ने पड़ोस के ही देवर-भाभी के इस प्रेम प्रसंग पर शनिवार को विराम उस समय लगा जब पति, परिवार, ग्रामीणों ने दोनों पक्ष को सामने करते हुए मंदिर में सिंदूरदान कराया।
बता दें कि चकईपुर थाना नेवढ़िया निवासी चंदा पटेल की शादी 2011 में बरसठी थाना के बघनरी गाँव निवासी कमलेश पटेल संग बड़ी धूमधाम से हुई थी। दोनों ने अग्नि को साक्षी मानकर एक दूसरे का जीवन भर साथ निभाने का वादा किया था। विदाई के बाद ससुराल आने पर दोनों दंपति ख़ुशी-ख़ुशी जीवन गुजर-बसर करने के दौरान एक बेटी पलक को जन्म दिया। पत्नी और बेटी को बेहतर जीवन देने के उद्देश्य से कमलेश बाहर रोजी-रोटी कमाने चला गया। कुछ ही दिनों बाद चंदा का झुकाव पड़ोस के देवर विनोद पटेल की ओर होने लगा। उधर विनोद भी अपनी भाभी चंदा के आकर्षण में बंधने लगा, दोनों के नैनाचार के बाद प्रेम जब परवान चढ़ा तो धीरे-धीरे दोनों के बीच की दूरियां भी मिट गई और जब मौका मिलता तो प्रेमालाप में डूब जाते थे। कुछ माह बाद हालात ऐसे बने की दोनों पति-पत्नी की तरह रहने लगे। दोनों एक दूसरे के साथ जीने-मरने की कसम खा लिए। पति कमलेश और गांव के ग्रामीणों से दोनों के प्रेम की रासलीला ज्यादा दिन तक छिप नहीं पाई। चर्चा आम होने पर दोनों के परिजनों ने समझाने का प्रयास किए लेकिन दोनों प्रेमी अपने कसम की ज़िद पर अड़े रहे। इसके बाद पति कमलेश की रजामंदी होने पर शपथ-पत्र पर लिखा-पढ़ी कर कमलेश व चंदा ने एक-दूसरे से वैवाहिक संबंध तोड़ कर इस शर्त पर अलग हुए की दोनों से पैदा हुई छः वर्षीय बेटी पलक कमलेश के साथ रहेगी। इधर दोनों प्रेमी-प्रेमिकाओं ने सरसरा के खोझीबीर मंदिर पर परिजनों, ग्रामीणों, ग्राम प्रधान के समक्ष एक-दूसरे को वरमाला पहनाकर विवाह संपन्न किया।
ग्राम प्रधान कमलेश सिंह ‘सोनू’ ने दोनों वर-वधू को शुभाशीर्वाद देते हुए अपने निजी स्त्रोत से नवदंपति को रहने के लिए आवास बनाने की घोषणा की है।