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बीएचयू का छात्र लंका थाने से हुआ था गायब, 8 पुलिसकर्मियों पर मुकदमा, जानें पूरा प्रकरण
Namo TV Bharat August 20, 2022
बीएचयू का छात्र शिव लंका थाने से हुआ था गायब, 8 पुलिसकर्मियों पर मुकदमा, जानें पूरा प्रकरण
- लंका थाने से गायब हुआ था बीएचयू का छात्र शिव
- मामले को लेकर बीएचयू के छात्रों ने चलाया था आंदोलन
- कब क्या हुआ?
काशी हिंदू विश्वविद्यालय (बीएचयू) में बीएससी के छात्र शिव कुमार त्रिवेदी की मौत के मामले में कार्रवाई होने में करीब ढाई साल बीत गए। शिव के पिता प्रदीप कुमार भी न्याय के लिए थाने का चक्कर लगाते रहे, वहीं बीएचयू के छात्रों ने भी आवाज उठाई। अब 8 पुलिसकर्मियों पर मुकदमा दर्ज होने के बाद शिव के पिता के साथ ही आंदोलनरत छात्रों में न्याय की आस जगी है। शिव की मौत भी आजतक रहस्य ही है। लंका थाने के 8 पुलिसकर्मियों पर मुकदमा दर्ज होने के बाद आगे होने वाली कार्रवाई पर सभी की नजरें टिकी हैं।
शिव की मौत को लेकर कानूनी प्रक्रिया लंबी चलने वाली है लेकिन उसकी मौत की चार माह पहले जो कहानी सामने आई थी वो रोंगटे खड़े कर देने वाली है। 13 फरवरी 2020 की रात डायल-112 नंबर पर फोन कर बुलाई गई पुलिस उसे कैंपस से उठाकर ले जाती है। लंका थाने को सुपुर्द करती है और फिर दो साल तक शिव का कुछ पता नहीं चलता। शिव के पिता के लंबे संघर्ष के बाद इसी वर्ष अप्रैल में इलाहाबाद हाईकोर्ट में सीबीसीआईडी ने रिपोर्ट पेश कर बीएचयू वाराणसी के लापता छात्र की मौत की जानकारी दी।
बीएचयू के छात्र शिव कुमार त्रिवेदी का मामला एक बार फिर से चर्चा में आया
पुलिस ने कोर्ट को बताया कि छात्र मानसिक तौर पर बीमार था। उसे लंका थाने लाया गया था। उसी रात वह निकल गया था और तीसरे दिन ही एक तालाब के पास लावारिस लाश बरामद हुई थी, जिसका अंतिम संस्कार कर दिया गया था। फोटो के आधार पर पिता ने उसे पहचाना। उसके बाद डीएनए टेस्ट कराया गया। जिससे पता चला कि लावारिस लाश लापता छात्र शिव का था।
सीबीसीआईडी के इंस्पेक्टर श्याम दास वर्मा ने तहरीर में बताया है कि शिव जिस रात लंका थाने में आया था, वह अपना नाम नहीं बता पा रहा था, ऐसी स्थिति में पुलिस कर्मियों का कर्तव्य था कि उसको चिकित्सकीय सुविधा देते लेकिन ऐसा नहीं किया गया। लापरवाही समेत अन्य आरोपों में तत्कालीन लंका इंस्पेक्टर भारत भूषण तिवारी, इंस्पेक्टर प्रद्युम्न मणि त्रिपाठी, इंस्पेक्टर कुंवर सिंह, हेड कांस्टेबल लक्ष्मीकांत मिश्रा, कांस्टेबल ओम कुमार सिंह, शैलेंद्र कुमार सिंह, विजय कुमार यादव और होमगार्ड संतोष कुमार पर मुकदमा दर्ज हुआ है।
वाराणसी के छित्तूपुर स्थित एक लॉज में किराए पर कमरा लेकर पढ़ाई करने वाले मध्य प्रदेश के पन्ना निवासी बीएचयू छात्र शिव कुमार त्रिवेदी के लापता होने के बाद पिता के लगातार संघर्षों के बाद मामला तूल पकड़ने लगा। फिर बीएचयू के छात्रों ने सोशल मीडिया पर मुहिम चलाई।
मामले को लेकर बीएचयू के छात्रों ने चलाया था आंदोलन
मामले में बीएचयू के ही पूर्व छात्र और इलाहाबाद हाईकोर्ट में वकील सौरभ तिवारी ने इलाहाबाद हाईकोर्ट में याचिका दायर की। इस पर हाईकोर्ट के आदेश पर सीबीसीआईडी ने जांच शुरू की।
इधर शिव के पिता सीबीसीआईडी अफसरों के साथ रामनगर थाने में पहुंचे। यहां 15 फरवरी 2020 को यमुना पोखरी में शव मिलने की जानकारी मिली। जब डीएनए रिपोर्ट आई तो शिव की मौत की पुष्टि हुई।
कब क्या हुआ?
12 फरवरी 2020 को परिवार वालों से आखिरी बार शिवकुमार से बात हुई थी।
13 फरवरी 2020 को बीएचयू खेल मैदान से पुलिस लंका थाने ले आई।
14 फरवरी 2020 को उसके लंका थाने से लापता होने की सूचना मिली।
15 फरवरी 2020 को रामनगर में पोखरी में डूबने से उसकी मौत हो गई।
19 अगस्त 2022 को लंका थाने के 8 पुलिसकर्मियों पर मुकदमा।
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