जौनपुर। जिले में कई गौशालाएं संचालित हो रही हैं। शासन द्वारा गोशालाओं के नाम पर भारी भरकम धनराशि भी व्यय की जा रही है फिर भी जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में झुण्ड के झुण्ड घूम रहे अवारा पशु किसानों के लिए मुसीबत बन गए हैं। जिस पर किसी भी महकमे से ठोस कार्य नहीं किया जा रहा है। बस नगर पालिका क्षेत्र में घूम रहे पशुओं को कैटिल कैचर से पकड़ने की व्यवस्था बनाई गई है। वह भी सौ प्रतिशत खरी नहीं उतर रही है।
गांव में हालात बहुत खराब है। बारिश की वजह से किसान वैसे ही बहुत बुरी स्थिति में है। उपर से जो फसल बच गई थी उस पर झुंड के झुंड पशु जिस खेत में घुस जाते हैं उसे पूरा साफ कर देते हैं। कोई सरकारी महकमे इन आवारा पशुओं को पकड़ने का जोखिम नहीं उठाया रहा है। ऐसे में किसानों की आय दुगुनी करने की सरकारी घोषणा मात्र ढकोसला बन कर रह गई है। एक तरफ मौसम की मार ने किसानों की कमर तोड़ दी है तो दूसरी तरफ बची खुची फसलों को लाक डाउन में अवारा पशु नष्ट कर रहे हैं।
प्रतिदिन खेतों में डेढ़ से दो दर्जन जानवरों को फसलें चरते देखा जा सकता है लाक डाउन में कुछ खेत ऐसे भी देखने को मिले जिसमें बोई गई गेहूं की फसल को आवारा पशुओं ने इस कदर चर लिया कि उसमें अब गेहूं की फसल का कोई नामो निशान नहीं बच पाया है।