लखनऊ। कोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमण के कारण अन्य राज्यों से उत्तर प्रदेश में पहुंचे प्रवासी श्रमिकों की चिंता उत्तर प्रदेश सरकार ने कर ली है। सीएम योगी आदित्यनाथ ने रविवार को अपनी कोर टीम के साथ बैठक में करीब पांच लाख प्रवासी श्रमिकों को रोजगार कराने की तैयारी कर ली है।
सीएम योगी आदित्यनाथ ने रविवार को अपने सरकारी आवास पर कोर टीम के साथ बैठक में कोरोना के संक्रमण पर अंकुश लगाने के साथ ही कल से खुले रहे कुछ प्रतिष्ठानों तथा कार्यालयों की तैयारी को भी अपनी टीम के परखा है।
हॉटस्पाट जोन में अभी रहेगी सख्ती
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का स्पष्ट निर्देश है कि 20 अप्रैल के बाद से सिर्फ उन्ही क्षेत्रों में थोड़ी राहत दें, जहां पर स्थिति नियंत्रण में है। जहां पर भी दस से अधिक पॉजिटिव केस हैं, वह तीन मई तक बंद रखें। उन्होंने कहा कि संक्रमण को हर हाल में फैलने से रोकना है। इस सम्बन्ध में आवश्यक प्रोटोकॉल का पालन किया जाए। अन्य सभी लोग मुंह ढंकने के लिए मास्क, गमछे, दुपट्टे इत्यादि का प्रयोग करें। हर जगह पर फिजिकल डिस्टेंसिंग का कड़ाई से पालन कराएं। सभी जगह पर काम कर रहे डॉक्टर, पैरामेडिकल तथा अन्य स्टाफ को पीपीई और एन-95 मास्क उपलब्ध कराएं।
सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि सभी शेल्टर होम को नियमित तौर पर सैनिटाइज कराया जाए। इसके साथ ही उन्होंने कोरोना संदिग्धों की टेस्टिंग अनिवार्य रूप से कराने के निर्देश दिए हैं। सीएम ने साफ कहा कि बाहर से आने वालों को हर हाल में शेल्टर होम में क्वॉरेंटाइन कराएं। हर जगह पर कम्युनिटी किचन का संचालक की काफी सावधानी से किया जाए। सभी शेल्टर होम नियमित रूप से सैनिटाइज किये जाएं। कम्युनिटी किचन का संचालन पूरी सावधानी से किया जाए। उन्होंने प्रशासन की देखरेख में ही भोजन वितरित करने के निर्देश दिये।
पांच लाख से अधिक प्रवासी श्रमिकों को रोजगार देगी योगी आदित्यनाथ सरकार
कोरोना वायरस संक्रमण के कारण करीब डेढ़ महीने के लॉकडाउन के दौरान अन्य राज्यों से प्रदेश लौटे पांच लाख से अधिक प्रवासी श्रमिकों को नौकरी और रोजगार मुहैया कराने की योजना पर मुहर लगी दी है। इसके लिए सरकार ने उच्च स्तरीय कमेटी गठित की है। यह समिति इन श्रमिकों को स्थानीय स्तर पर रोजगार के अवसर उपलब्ध कराने की दिशा में कार्य करेगी, जिससे ग्रामीण अर्थव्यवस्था मजबूत होगी। कृषि उत्पादन आयुक्त की अध्यक्षता में गठित इस समिति में प्रमुख सचिव ग्राम्य विकास, प्रमुख सचिव पंचायती राज, प्रमुख सचिव एमएसएमई तथा प्रमुख सचिव कौशल विकास शामिल हैं। यह समिति ओडीओपी के तहत रोजगार सृजन के साथ-साथ बैंक के माध्यम से लोन मेले आयोजित करना सुनिश्चित करेगी। इसके अलावा रोजगार मेला का भी आयोजन किया जाएगा जिससे लोगों को अधिक से अधिक रोजगार के अवसर उपलब्ध कराए जा सकें। यह समिति रोजगार के ज्यादा अवसर कैसे सृजित किए जाएं इस पर भी अपने सुझाव देगी। समिति एमएसएमई के तहत विभिन्न उद्योंगों में रोजगार के अवसर सृजित करने की सम्भावनाएं भी तलाशेगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि रोजगार के अधिक से अधिक अवसर सृजित करने के उद्देश्य से केंद्र मोदी सरकार ने रिवॉल्विंग फण्ड में जो बढ़ोतरी की है, उससे महिला स्वयंसेवी समूहों की विभिन्न गतिविधियों को बढ़ावा देते हुए रोजगार सृजित किया जाए। उससे महिला स्वयंसेवी समूहों को को विभिन्न गतिविधियों जैसे सिलाई, अचार, मसाला बनाना इत्यादि के तहत रोजगार उपलब्ध कराया जाए। महिलाएं जिन सामग्रियों का निर्माण करेंगी उसकी मार्केटिंग ओडीओपी के माध्यम से की जाए। इसके साथ ही मुख्यमंत्री ने कहा कि हर जिले में पुष्टाहार पहुंच चुका है। अत: बच्चों, किशोरियों, कन्याओं के साथ गर्भवती माताओं के लिए इसकी डोर स्टेप डिलीवरी सुनिश्चित की जाए।
20 से सर्शत शुरु होंगे उद्योग
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि प्रदेश में 20 अप्रैल से उद्योगों को सशर्त शुरू कराने के सम्बन्ध में हर स्थानीय जिला प्रशासन ठोस कार्ययोजना तैयार करे। मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना वायरस के कारण 25 मार्च से लागू लॉकडाउन के कारण ठेला, खोमचा, रेहड़ी आदि लगाने वालों, रिक्शा, ई रिक्शा चालक, पल्लेदार, रेलवे कुली, दिहाड़ी मजदूरों आदि के सामने रोजगार का संकट खड़ा हो गया है। राज्य सरकार इसके प्रति अत्यन्त संवेदनशील है और इन्हें हर सम्भव सहायता उपलब्ध कराने का प्रयास कर रही है। मुख्यमंत्री ने कहा कि हर जगह पर पशुओं के लिए चारे की पर्याप्त व्यवस्था सुनिश्चित की जाए। उन्होंन कहा प्रत्येक सरकारी/अन्य धर्मार्थ संस्था की सभी गौशालाओं में पर्याप्त मात्रा में भूसे और चारे की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अस्पतालों में इमरजेंसी वार्ड में सेवाओं के संबंध में कहा कि यह सेवाएं उन्हीं अस्पतालों में चालू की जाएं जहां पीपीई किट्स, एन-95 मास्क पर्याप्त मात्रा में मौजूद हैं। इस संबंध में इमरजेंसी में मौज द डॉक्टर्स नर्स तथा पैरामेडिकल स्टाफ को हर जगह पर आवश्यक प्रशिक्षण भी दिया जाए। क्वॉरेन्टीन पूरा कर चुके लोगों को वापस भेजा जाए।