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September 26, 2023
देश के पहले राष्ट्रपति डॉ राजेंद्र प्रसाद जी को पुण्य तिथि पर कोटि कोटि नमन, जानिए इनसे जुड़ी 10 खास बाते
Namo TV Bharat February 28, 2021
खास बातें
- डॉ. राजेंद्र प्रसाद की आज पुण्य तिथि है.
- राजेंद्र प्रसाद भारत के पहले राष्ट्रपति थे.
- वे भारतीय स्वाधीनता आंदोलन के प्रमुख नेताओं में से एक थे.
नई दिल्ली: आज़ाद भारत के प्रथम राष्ट्रपति बनने वाले डॉ राजेंद्र प्रसाद अद्वितीय प्रतिभाओं के धनि थे। वे भारतीय स्वाधीनता आंदोलन के प्रमुख नेताओं में भी शामिल थे, जिन्होंने भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के अध्यक्ष के रूप में प्रमुख भूमिका निभाई, उन्होंने भारतीय संविधान के निर्माण में भी अपना योगदान दिया था जिसकी परिणति 26 जनवरी 1950 को भारत के एक गणतंत्र के रूप में हुई थी।
3 दिसम्बर 1884 को बिहार के जीरादेई इलाके में जन्मे राजेन्द्र बाबू को बचपन से ही संस्कार विरासत में मिले थे, उनके पिताजी महादेव सहाय संस्कृत व् फ़ारसी के विद्वान थे और माता कमलेश्वरी देवी एक धर्मपरायण महिला थी। इसी कारण राजेंद्र बाबू को भी 5 वर्ष की उम्र से ही फ़ारसी सिखने लग गए थे। छपरा में अपनी प्रारंभिक शिक्षा प्राप्त करने के बाद, उन्होंने कोलकाता से लॉ के क्षेत्र में डॉक्टरेट की उपाधि हासिल की।
मात्र 13 वर्ष की उम्र में राजवंशीदेवी से विवाह हो जाने के बाद भी उनके अध्ययन और अन्य कार्यों में कोई रूकावट नहीं आई। भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन में उनका पदार्पण वक़ील के रूप में अपने कैरियर की शुरुआत करते ही हो गया था। सन 1934 में वे भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के मुंबई अधिवेशन में अध्यक्ष चुने गए थे ,इसके बाद नेताजी सुभाषचंद्र बोस के अध्यक्ष पद से त्यागपत्र देने पर कांग्रेस अध्यक्ष का पदभार उन्होंने एक बार पुन: 1939 में सँभाला था।
26 जनवरी 1950 को, संविधान लागु होने के साथ ही वे आज़ाद भारत के प्रथम राष्ट्रपति के रूप में देश की सेवा करने लगे। उनका यह कार्यकाल 14 मई 1962 तक का रहा। सन् 1962 में अवकाश प्राप्त करने पर उन्हें ‘भारतरत्न’ की सर्वश्रेष्ठ उपाधि से सम्मानित भी किया गया था। पटना के पास स्थित सदाकत आश्रम में उन्होंने अपना अंतिम समय बिताया। 28 फरवरी 1963 को उनकी आत्मा ब्रम्हलीन हो गई। यह कहानी थी श्रेष्ठ भारतीय मूल्यों और परम्परा की चट्टान सदृश्य आदर्शों की। हमको इन पर गर्व है और ये सदा राष्ट्र को अपने विचारों से प्रेरणा देते रहेंगे।
डॉ. राजेंद्र प्रसाद (Dr. Rajendra Prasad) के जीवन से जुड़ी 10 बातें
1. डॉ. राजेंद्र प्रसाद (Dr. Rajendra Prasad) का जन्म 3 दिसंबर 1884 में बिहार के सीवान जिले के जीरादेई गांव में हुआ था. उनके पिता का नाम महादेव सहाय और माता का नाम कमलेश्वरी देवी था.
2. राजेंद्र प्रसाद की प्रारंभिक शिक्षा छपरा (बिहार) के जिला स्कूल से हुई. उन्होंने 18 साल की उम्र में कोलकाता विश्वविद्यालय की प्रवेश परीक्षा प्रथम स्थान से पास की. विश्वविद्यालय की ओर से उन्हें 30 रुपये की स्कॉलरशिप मिलती थी. साल 1915 में राजेंद्र बाबू ने कानून में मास्टर की डिग्री हासिल की. साथ ही उन्होंने कानून में ही डाक्टरेट भी किया.
3. राजेंद्र प्रसाद (Rajendra Prasad) पढ़ाई लिखाई में अच्छे थे, उन्हें अच्छा स्टूडेंट माना जाता था. उनकी एग्जाम शीट को देखकर एक एग्जामिनर ने कहा था कि ‘The Examinee is better than Examiner’
4. महज 13 साल की उम्र में उनका राजवंशी देवी से विवाह हो गया था.
5. डाक्टर राजेंद्र प्रसाद (Rajendra Prasad) राष्ट्रपिता गांधी से बेहद प्रभावित थे, राजेंद्र प्रसाद को ब्रिटिश प्रशासन ने 1931 के ‘नमक सत्याग्रह’ और 1942 के ‘भारत छोड़ो आंदोलन’ के दौरान जेल में डाल दिया था.
6. आजादी के बाद 26 जनवरी 1950 को भारत को गणतंत्र राष्ट्र का दर्जा मिलने के साथ राजेंद्र प्रसाद देश के प्रथम राष्ट्रपति बने. साल 1957 में वह दोबारा राष्ट्रपति चुने गए. राजेंद्र प्रसाद एकमात्र नेता रहे, जिन्हें 2 बार राष्ट्रपति के लिए चुना गया. 12 साल तक पद पर बने रहने के बाद वे 1962 में राष्ट्रपति पद से हटे.
7. राजेंद्र प्रसाद की बहन भगवती देवी का निधन 25 जनवरी 1950 को हो गया था. जबकि अगले दिन यानी 26 जनवरी 1950 को भारतीय संविधान लागू होने जा रहा था. ऐसे में डॉक्टर राजेंद्र प्रसाद भारतीय गणराज्य के स्थापना की रस्म के बाद ही दाह संस्कार में भाग लेने गए.
8. साल 1962 में राष्ट्रपति पद से हट जाने के बाद राजेंद्र प्रसाद को भारत सरकार द्वारा सर्वोच्च नागरिक सम्मान भारत रत्न से नवाज़ा गया.
9. बिहार के 1934 के भूकंप के समय राजेंद्र प्रसाद जेल में थे. जेल से छूटने के बाद वे भूकंप पीड़ितों के लिए धन जुटाने में तन-मन से जुट गए और उन्होंने वायसराय से तीन गुना ज्यादा धन जुटाया था.
10. अपने जीवन के आख़िरी महीने बिताने के लिए उन्होंने पटना के निकट सदाकत आश्रम चुना. यहां पर ही 28 फ़रवरी 1963 में उनका निधन हुआ.
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