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January 29, 2023
बिकरू कांड में इस्तेमाल ऑटोमैटिक रायफल बरामद, विकास दुबे के 7 सहयोगी गिरफ्तार
Namo TV Bharat March 01, 2021
एसटीएफ ने एक सेमी ऑटोमेटिक रायफल (मेड इन अमेरिका), 9 एमएम की एक कारबाइन, एक डीबीबीएल बंदूक, 2 अवैध तमंचे और भारी मात्रा में कारतूस बरामद किए हैं.
बिकरू कांड में इस्तेमाल ऑटोमैटिक रायफल बरामद, विकास दुबे के 7 सहयोगी गिरफ्तार
खास बातें
- विकास दुबे के सहयोगियों के पास से बरामद असलहों का जखीरा.
- पुलिस के हत्थे चढ़े विकास दुबे के सात सहयोगी.
कानपुर. एसटीएफ (STF) ने बिकरू कांड (Bikeru case) में इस्तेमाल किए गए कई असलहे बरामद किए हैं. इसके साथ ही एसटीएफ ने विकास दुबे (Vikas Dubey) का सहयोग करने वाले सात लोगों को गिरफ्तार किया है. याद दिला दें कि बीते साल 2 जुलाई की रात चौबेपुर थाना क्षेत्र के बिकरू गांव में विकास दुबे को पकड़ने गई पुलिस टीम पर हमला कर दिया गया था. विकास और उसके गुर्गों ने पुलिस पर फायरिंग कर सीओ बिल्हौर सहित 8 पुलिसकर्मियों की हत्या कर दी थी. इस वारदात में छह पुलिसकर्मी गोली लगने से घायल हुए थे. पुलिस ने वारदात को अंजाम देने वाले विकास दुबे सहित छह लोगों को अब तक मुठभेड़ में मार गिराया है. लेकिन वह बिकरू कांड में इस्तेमाल हथियार बरामद नहीं कर सकी थी. जांच में यह पता चला था कि वारदात में अमेरिकी सेमी ऑटोमेटिक राइफल का इस्तेमाल किया गया था.
ये हथियार बरामद हुए
आज की कार्रवाई में एसटीएफ ने एक सेमी ऑटोमेटिक रायफल (मेड इन अमेरिका), 9 एमएम की एक अवैध कारबाइन, एक डीबीबीएल बंदूक, 2 अवैध तमंचे और भारी मात्रा में कारतूस बरामद किए हैं. पुलिस के हाथ विकास दुबे, अमर और प्रभात का मोबाइल फोन आया है.
भिंड में बेचे जाने थे ये हथियार
एडीजी एसटीएफ अमिताभ यश ने बताया कि एसटीएफ की एक टीम लगातार इन हथियारों की बरामदगी के लिए काम कर रही थी. इसी दौरान विकास दुबे और उसके साथियों द्वारा बिकरू कांड में प्रयोग किए गए असलहों को बेचे जाने की सूचना एसटीएफ को मिली. इन असलहों को मध्य प्रदेश के भिंड के एक गैंग को बेचा जाना था. एसटीएफ आईजी का कहना है कि पनकी भौती हाइवे पर इसकी डील की जानी थी. जिसके बाद पुलिस ने आरोपियों को पकड़ कर इनके पास से विकास दुबे और उसके साथियों के अवैध असलहे और कारतूस बरामद किए. इनके पास से पुलिस को विकास, प्रभात और अमर के फोन भी मिले.
विकास के भागने की कहानी आज एडीजी ने बताई
वहीं एडीजी एसटीएफ ने बिकरू कांड के बाद विकास दुबे के फरार होने की घटना के रहस्य से भी पर्दा उठाया. अमिताभ यश ने कहा कि वारदात के बाद विकास दुबे, अमर दुबे और प्रभात मिश्रा पैदल ही शिवली नदी के पुल पर पहुंचे. जहां प्रभात ने अपने मित्र विष्णु कश्यप को बुलाया. जिससे उसने तीन गमछा व पानी मंगवाया था और चार पहिया गाड़ी का प्रबंध करने को कहा था. विष्णु अपने दोस्त छोटू की गाड़ी लेकर वहां पहुंचा था. जहां से वह तीनों को असलहों और कारतूस सहित विष्णु के बहनोई कानपुर देहात के रसूलाबाद स्थित तुलसी नगर पहुंचे. जहां दो दिनों तक वे छिपे रहे और वहां से औरैया फिर फरीदाबाद निकल गए. एडीजी एसटीएफ ने कहा कि विकास दुबे और प्रभात ने पुलिस को भागने की जो कहानी बतायी थी वह झूठी थी.
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