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यूपी पंचायत चुनाव : 25 साल से काबिज पद पर कायम रहेगी सैफई परिवार की दावेदारी
Namo TV Bharat March 21, 2021
यूपी पंचायत चुनाव : 25 साल से काबिज पद पर कायम रहेगी सैफई परिवार की दावेदारी
हाईकोर्ट के हस्तक्षेप के बाद दुबारा किए गए त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के आरक्षण ने मुलायम परिवार को संजीवनी दे दी है। नए आरक्षण में सैफई ब्लाक प्रमुख का पद अनारक्षित किया गया है। इससे 25 साल से ब्लाक प्रमुख पद पर काबिज मुलायम परिवार की दावेदारी कायम करेगी। 2 मार्च को हुए आरक्षण में इस सीट को एससी महिला के लिए आरक्षित कर दिया गया था, इससे मुलायम परिवार के मंसूबों पर पानी फिर गया था। अभी इस पद पर मुलायम सिंह के भतीजे की पत्नी ब्लाक प्रमुख थीं।
जिले की सबसे महत्वपूर्ण मानी जाने वाली सैफई ब्लाक प्रमुख सीट शनिवार को जारी किए गए आरक्षण में अनारक्षित की गई है। सीट के अनारक्षित होने से मुलायम परिवार ने राहत की सांस ली है। सैफई ब्लाक प्रमुख पद पर अब फिर से मुलायम परिवार की दावेदारी कायम रहेगी। ये पद 25 साल से लगातार मुलायम परिवार के पास ही रहा है। बता दें कि 1995 में पहली बार सैफई को ब्लाक बनाया गया था। तब से लेकर अभी तक ये सीट कभी अनारक्षित तो पिछड़ी जाति के लिए आरक्षित रही है। 1995 में ओबीसी, 2000 में अनारक्षित, 2005 में फिर से ओबीसी, 2010 में फिर अनारक्षित और 2015 में ओबीसी महिला के लिए आरक्षित रही। इससे मुलायम परिवार को हर बार ही चुनाव में हिस्सा लेने का मौका मिलता रहा है और जीट भी मिली। अब फिर से सीट अनारक्षित हो गई है, इससे इस परिवार की दावेदारी ब्लाक प्रमुख पद पर बनी रहेगी। 2 मार्च को जारी किए गए आरक्षण में इस सीट को एससी महिला के लिए आरक्षित कर दिया गया था। तब हुए आरक्षण से मुलायम परिवार में मायूसी थी। लेकिन सरकार ने एक बार फिर से हाईकोर्ट के हस्तक्षेप के बाद आरक्षण किया और 2015 को आधार मानकर किए गए आरक्षण में सीट के अनारक्षित होने से मुलायम परिवार ने राहत की सांस ली है। माना जा रहा है कि ब्लाक प्रमुख पद पर सपा की ओर से मृदुला यादव ही प्रत्याशी होंगीं। बता दें कि मृदुला बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव की समधन हैं। मृदुला के बेटे मैनपुरी के पूर्व सांसद तेज प्रताप की शादी लालू की बेटी राजलक्ष्मी के साथ हुई थी।
कब कौन रहा सैफई का ब्लाक प्रमुख
1995 से 2005 तक मुलायम सिंह यादव के भतीजे रणवीर सिंह यादव, 2005 में रणवीर सिंह के निधन के बाद मुलायम सिंह के दूसरे भतीजे धर्मेंद्र यादव, इसके बाद 2010 में रणवीर सिंह के बेटे तेज प्रताप सिंह और 2015 में तेज प्रताप की मां मृदुला यादव ब्लाक प्रमुख बनी थीं।
सैफई का प्रधान पद अब एससी के लिए आरक्षित
जिले को प्रदेश की राजनीति का केंद्र बिंदु माना जाता है। शायद यही कारण रहा कि सैफई ब्लाक प्रमुख का पद हो या फिर प्रधानी सभी की नजर इन पर रहती है। प्रधान पद पर सपा संस्थापक मुलायम सिंह यादव के बचपन के साथी दर्शन सिंह यादव 48 साल तक प्रधान रहे। वह पहली बार 1972 में सैफई के ग्राम प्रधान बने थे। तब से लेकर पिछले चुनाव तक लगातार उनको ही प्रधान चुना जाता रहा। उनका अक्टूबर 2020 में निधन हो गया था, इसके बाद प्रधान पद की जिम्मेदारी उनके परिवार की महिला को दी गई थी। अब ये सीट एससी के लिए आरक्षित कर दी गई है, इससे अब ये परिवार चुनाव नहीं लड़ पाएगा। 2 मार्च को जारी आरक्षण में भी इस सीट को एससी के लिए आरक्षित किया गया था
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