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विविधता में एकता का आलौकिक स्वरूप - 75वां वार्षिक निरंकारी संत समागम
Namo TV Bharat October 30, 2022
विविधता में एकता का आलौकिक स्वरूप – 75वां वार्षिक निरंकारी संत समागम
विनोद राजपूत
राजस्थान, श्रीगंगानगर। समदृष्टि के भाव को दर्शाते हुए 75वां वार्षिक निरंकारी संत समागम दिनांक 16 से 20 नवम्बर तक संत निरंकारी आध्यात्मिक स्थल समालखा ग्राउंड (हरियाणा) में आयोजित होने जा रहा है। संत समागम की तैयारिया लगभग सम्पन्नता की ओर है। 75वां वार्षिक निरंकारी संत समागम स्वयं में ऐतिहासिक एवं अनूठा है, क्योंकि इन दिव्य संत समागमों की अविरल श्रृंखलाओं ने सफलतापूर्वक अपने 74 वर्ष सम्पन्न कर लिए हैं।
विभिन्न त्यौहारों के इस समय में सभी श्रद्धालु भक्त अपने पारिवारिक दायित्वों को निभाते हुए संत समागम सेवाओं में अपना महत्वपूर्ण योगदान दे रहे हैं। सत्गुरु माता सुदीक्षा जी महाराज भी समागम स्थल की सम्पूर्ण गतिविधियों का अवलोकन कर रहे हैं और उनके पावन दर्शनों की प्राप्ति कर सभी भक्तजन स्वयं को धन्य महसूस कर रहे हैं। अपने सत्गुरु के दिव्य दर्शनों की प्राप्ति से भक्तों में भी सेवा का और अधिक उत्साह देखने को मिल रहा है। आध्यात्म के इस आलौकिक स्वरूप को देखकर ऐसा प्रतीत हो रहा है मानो जैसे समागम सेवाओं में सम्मिलित होने वाला प्रत्येक भक्त दिव्यता के वातावरण में प्रतिपल भक्तिमय हो रहा हो।
इस वर्ष के 75वें वार्षिक निरंकारी संत समागम में भारत एवं दूर-देशों से अधिक से अधिक संख्या में श्रद्धालु भक्त सम्मिलित होंगे। समागम स्थल पर सत्संग पंडाल के अतिरिक्त रिहायशी टेंट भी लगाए जा रहे हैं, जहाँ बाहर से आने वाले श्रद्धालु भक्तों के लिए ठहरने तथा लंगर इत्यादि की उचित व्यवस्था होगी। साथ ही अलग-अलग मैदानों में कुछ कैन्टीनों की भी सुविधाएं दी जाएंगी, जिसमें जलपान इत्यादि वस्तुएं रियायती दरों पर उपलब्ध होंगी। इसके अतिरिक्त मैदानों में स्वच्छता पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। साथ ही पार्किंग, सुरक्षा इत्यादि की भी उचित व्यवस्था की जा रही है, ताकि आने वाले सभी भक्तों को किसी प्रकार की कोई असुविधा न हो। सत्संग पंडाल के आसपास संत निरंकारी मण्डल के विभिन्न विभाग, समाज कल्याण विभाग इत्यादि के कार्यालय भी होंगे। प्रकाशन विभाग की ओर से अलग-अलग स्थानों पर स्टॉल लगाए जाएंगे। इसके अतिरिक्त मिशन के इतिहास एवं सम्पूर्ण समागम के स्वरूप को निरंकारी प्रदर्शनी के मुख्य आकर्षण के रूप में दर्शाया जाएगा।
इस दिव्य संत समागम में सम्मिलित होने वाले भक्तों के लिए भारतीय रेलवे द्वारा आध्यात्मिक स्थल समालखा के निकट भोड़वाल माजरी रेलवे स्टेशन पर लगभग सभी ट्रेनों के रूकने की अनुमति दी गई है। इस सुविधा से रेलयात्रा करने वाले भक्तगण लाभान्वित हो सकेंगे।
इस दिव्य संत समागम का उद्देश्य मानवता एवं भाईचारे की भावना को दृढ़ता प्रदान करना तथा ‘रूहानियत में इंसानियत’ के महत्व को दर्शाना है, जो केवल ब्रह्मानुभूति से जुडक़र ही सम्भव है।
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