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September 14, 2024
डेरा सच्चा सौदा में धूमधाम से मनाया 75वां रूहानी स्थापना दिवस, साध-संगत का उमड़ा सैलाब
Namo TV Bharat April 29, 2023
डेरा सच्चा सौदा में धूमधाम से मनाया 75वां रूहानी स्थापना दिवस, साध-संगत का उमड़ा सैलाब
- खचाखच भरे विशाल पंडाल, सड़कों पर कई-कई किलोमीटर तक नजर आया साध-संगत का हुजूम
- पूज्य गुरु जी ने रूहानी चिट्ठी में दिया संदेश : एकता में रहकर करें सभी धर्मों का सत्कार
- मानवता भलाई कार्यों की श्रृंखला में 157 वें कार्य के रूप में शामिल हुआ उत्तम संस्कार
विनोद राजपूत
श्रीगंगानगर/सिरसा। मानवता भलाई कार्यों और रूहानियत की यूनिवर्सिटी के रूप में विश्व प्रसिद्ध सर्वधर्म संगम डेरा सच्चा सौदा का 75वां रूहानी स्थापना दिवस का शुभ भंडारा शनिवार को शाह सतनाम जी धाम सिरसा में धूमधाम से मनाया गया। रूहानी स्थापना दिवस के अवसर पर आयोजित विशाल रूहानी नामचर्चा रूपी महायज्ञ में आहुति डालने के लिए भारी तादाद में डेरा सच्चा सौदा के श्रद्धालुओं ने भाग लिया।
विशाल पंडालों के साध-संगत से खचाखच भरने के साथ ही आश्रम की ओर आने वाले मार्गों पर कई-कई किमी. साध-संगत का विशाल समूह ही नजर आ रहा था। नामचर्चा में पहुंची साध-संगत के जोश, जुनून, उमंग व असीम आस्था के समक्ष डेरा प्रबंधन द्वारा किए गए सभी प्रबंध बोने साबित हुए। इस अवसर पर पूज्य गुरु संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां ने रूहानी चिट्ठी भेजी, जिसे साध-संगत के बीच पढ़कर सुनाया गया। पूज्य गुरु जी ने चिट्ठी के माध्यम साध-संगत को एकता में रहने, सभी धर्मों का सत्कार करने का आह्वान किया। इसके अलावा मई महीने को भी डेरा सच्चा सौदा की साध-संगत को भंडारे के रूप में मनाने के वचन किए हैं।
चिट्ठी में पूज्य गुरु जी ने बताया कि 1948 के मई महीने में डेरा सच्चा सौदा के संस्थापक बेपरवाह सार्इं शाह मस्ताना जी महाराज ने सत्संग फरमाने की शुरुआत की थी। इसलिए इस महीने को भी साध-संगत भंडारे के रूप में मनाया करेगी। इसके अलावा मानवता भलाई कार्यों की श्रृंखला में एक और कार्य उत्तम संस्कार जुड़ गया, जिसका नाम उत्तम संस्कार है। इस कार्य के तहत रोजाना या सप्ताह में तीन बार अभिभावक अपने बच्चों को मानवता या मानवता भलाई, सृष्टि की भलाई के बारे में शिक्षा देंगे और प्यार से समझाएंगे। यह 157 वां कार्य हैं।
पूज्य गुरु संत डा. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां की पवित्र शिक्षाओं का अनुसरण करते हुए डेरा सच्चा सौदा द्वारा चलाए जा रहे मानवता भलाई कार्यों को गति देते हुए इस पावन अवसर पर 75 जरूरतमंद परिवारों को फूड बैंक मुहिम के तहत राशन, क्लॉथ बैंक मुहिम के तहत 75 बच्चों को मौसम मुताबिक कपड़े दिए गए। साथ ही गर्मी के मौसम को देखते हुए पक्षी उद्धार मुहिम के तहत पक्षियों के रहने के लिए घोंसले लगाए गए, ताकि भीषण गर्मी की वजह से किसी पक्षी की जान ना चली जाए। इसके अलावा शाह सतनाम जी स्पेशलिटी अस्पताल में जन कल्याण परमार्थी शिविर लगाकर हजारों जरूरतमंदों की नि:शुल्क जांच कर उन्हें सही परामर्श दिया गया। वहीं कैरियर परामर्श कैंप लगाकर हजारों बच्चों को सही कैरियर की राह चुनने के लिए मार्गदर्शन किया।
पावन भंडारे की खुशी में आयोजित नामचर्चा कार्यक्रम 11 बजे शुरू हुआ, लेकिन शाह सतनाम जी धाम का मुख्य पंडाल नामचर्चा शुरू होने से पहले ही साध-संगत से खचाखच भर गया और नजारा ये था कि नामचर्चा की समाप्ति तक डेरा अनुयायियों का आना अनवरत जारी रहा। नामचर्चा कार्यक्रम की शुरूआत में उपस्थित साध-संगत ने एक साथ ऊंची आवाज में इलाही नारा बोलकर पूज्य गुरु जी को रूहानी स्थापना दिवस की बधाई दी। तत्पश्चात कविराजों ने सुंदर भजनवाणी के माध्यम से गुरु महिमा का गुणगान किया गया। इस दौरान पूज्य गुरु जी के अनमोल वचनों को बड़ी-बड़ी एलईडी स्क्रीनोंं के माध्यम से चलाया गया। जिसे साध-संगत एकाग्रचित होकर श्रवण किया।
पूज्य गुरु जी ने फरमाया कि संतों का काम इस समाज में आकर बुराइयां दूर करना होता है। संत किसी के धर्म, मजहब में दखल नहीं देते बल्कि वो तो सिखाते हैं कि अपने-अपने धर्म में रहते हुए अपने-अपने धर्म को मान लो और हम कितनी बार कह चुके हैं कि सभी धर्मों के भक्त अगर इस मिनट धर्म को मानना शुरू कर देंगे, अगले मिनट धरती पर प्यार-मोहब्बत की गंगा बहने लगेगी। क्योंकि धर्मों में बेगर्ज, नि:स्वार्थ प्यार की बात कही है।
फिजूल की बहस ना करो, किसी को गलत ना बोलो, किसी की निंदा ना करो, किसी का निरादर ना करो, सबका सत्कार करो, सबकी इज्जत करो, नशे ना करो, माँसाहार को त्याग दो, क्योंकि इससे निर्दयता आती है, आदमी के अंदर से दया-रहम नाम की चीज चली जाती है। तो ऐसी भक्ति की बातें हमारे संत, पीर-फकीरों ने बताई और वही बात दाता, रहबर ने बहुत सारे भजनों के द्वारा कही, कि कभी किसी का बुरा ना सोचो, कभी किसी का दिल ना दुखाओ। दिल ना किसी का दुखाना भाई, दिल ना किसी का दुखाना, हर दिल में प्रभु का ठिकाना भाई, हर दिल में प्रभु का ठिकाना।
कभी किसी का दिल ना दुखाओ, हाँ वचनों पर पक्का रहना जरूरी है। उसके बाद किसी पर टोंट ना कसो, किसी का बुरा ना तकाओ, किसी को बुरा कहो ना, क्योंकि जब आप दूसरों का दिल दुखाते हैं तो भगवान की प्राप्ति की सोच भी नहीं सकते। क्योंकि हर दिल में वो रहता है। कण-कण में, जर्रे-जर्रे में प्रभु मौजूद है। तो अगर आपका मूड खराब है, अगर आप सही नहीं हैं सोच में, या आपको कोई टैंशन है, कोई परेशानी है तो आप उस परेशानी को, उस टैंशन को सुमिरन के द्वारा, भक्ति-इबादत के द्वारा दूर करें, ना कि किसी पर चिल्ला कर या किसी को बुरा कहकर।
कई बार होता है कि घर में कोई परेशानी आ जाती है। कोई मुश्किलें होती हैं। आप घर में कहने की बजाय बाहर समाज में जाकर वो बात कहते हैं। गलत बोलते हैं। तो एक तरह से प्रभु का औलाद का दिल दुखाते हैं। आपको कोई किसी के बारे में गलत कहता है, किसी के बारे में गलत बोलता है या आपके पास आकर कोई किसी की चुगली करता है, कि फलां आदमी आपके बारे में बहुत बुरा बोलता है। फलां आदमी आपको गालियां देता है तो आप उसी समय राशन पानी लेकर उसके ऊपर चढ़ो मत बल्कि विराम दो, एक दिन कम से कम। आप उससे बात ना करो।
एक दिन में आपका गुस्सा वैसे ही 50 पर्सेंट तो चला ही जाएगा और फिर जाकर जब पूछोगे प्यार से कि क्या भाई आपने ऐसा बोला आपने। तो यकीन मानो जो उसने बताया होगा, उससे 5-10 पर्सेंट ही बोला होगा। उसने 100 पर्सेंट उसको पॉलिस करके, या मसाला लगाकर आप तक पहुँचाया तो आप समझ जाएंगे कि वो आदमी आपको लड़ाना चाहता है। तो फिर उसकी बात पर आप जल्दी सी यकीन ना करें।
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Dhan dhan satguru tera hi aasra 🙏 thanks for guru ji everything
Blood donation is great work