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May 03, 2024
पर्यावरण संवर्धन एवं स्वरोजगार प्रशिक्षण कार्यशाला का समापन
Namo TV Bharat December 03, 2022
पर्यावरण संवर्धन एवं स्वरोजगार प्रशिक्षण कार्यशाला का समापन
विनोद राजपूत
श्रीगंगानगर। महाविद्यालय में शनिवार को ‘‘सक्षम कार्यक्रम’’ के अन्तर्गत इको क्लब द्वारा सॉफ्ट टायज एवं कपड़े के बैग बनाना से संबंधित साप्ताहिक प्रशिक्षण कार्यशाला का समापन समारोह आयोजित किया गया।
महाविद्यालय प्राचार्य डॉ. आशा शर्मा ने बताया कि यह कार्यशाला पर्यावरण संवर्धन एवं छात्राओं को स्वरोजगार के लिए तैयार करने के उद्देश्य से करवाई गयी। इस कार्यशाला में 35 छात्राओं ने इको क्लब प्रभारी डॉ. आशा अरोड़ा एवं सदस्य डॉ. नवनीत वर्मा, श्रीमती शालिनी आल्हा, डॉ. श्याम लाल, हितेश मिडढा, गुरप्रीत सिंह, विरेन्द्र सिंह यादव एवं श्रीमती मोनिका कटारिया के निर्देशन में इको फ्रेण्डली खिलौने एवं कपड़े के बैग बनाने सीखे और उनकी प्रदर्शनी लगाई। इस कार्यशाला में सॉफ्ट टॉयज का प्रशिक्षण श्रीमती इन्द्रा देवी एवं बैग बनाने का प्रशिक्षण सुश्री रजनी एवं सुश्री संगीता द्वारा दिया गया।
कार्यक्रम में डॉ. डी.पी. सिंह एवं डॉ. मीनू तंवर ने अपने संबोधन में कहा कि यह कार्यक्रम सक्षम शब्द को सार्थक बनाता है क्योकि किसी व्यक्ति को जिन्दगी में कभी भी विकट परिस्थिति का सामना करना पड़ सकता है लेकिन हमारे द्वारा सीखी हुई कला हमारे लिए बहुत उपयोगी साबित हो सकती है। हमारा हुनर हमारा बहुमुखी विकास कर सकता है। अतः हमें अपना सहारा खुद में ही तलाश करना चाहिए और इस प्रकार की कार्यशाला हमें पर्यावरण के प्रति जिम्मेदारी की भावना तो विकसित करती ही है साथ ही साथ जीविकोपार्जन के लिए भी समर्थ बनाती है।
कार्यक्रम में छात्राओं ने इन छह दिनों में सीखे गए कार्याे से संबंधित अपने अनुभव सांझा किए। छात्रा प्रिया ने बताया कि कार्यशाला में भाग लेकर उन्होंने पर्यावरण को बचाने के प्रति अपना कर्तव्य को समझा। उन्होंने कहा कि प्लास्टिक के खिलौने बच्चों के स्वास्थ्य के लिए भी हानिकारक है और कपड़े के खिलौने स्वच्छता पूर्वक एवं बिना किसी नुकसान के प्रयोग किए जा सकते हैं।
छात्रा सवीना ने बताया कि इस कार्यशाला से जुड़कर उन्होनें मिल जुलकर कार्य करना सीखा तथा साथ ही अगर भविष्य में उन्हें कोई मौका मिलता है तो वे इस सीखे हुए कार्य को रोजगार के रूप में ले सकती है और स्वावलम्बी बन सकती है। छात्रा संजना ने बताया कि उन्होनें बैग बनाने का काम पहली बार सीखा और अपने हाथ से बनाए हुए सामान से उनको आनन्द की अनुभूति हुई।
कार्यक्रम का संचालन डॉ. श्याम लाल, सह-आचार्य द्वारा किया गया। महाविद्यालय प्राचार्य ने छात्राओं को स्वरोजगार तथा स्वावलम्बन बढाने के कार्याे को सीखने एवं उन्हें उद्योगों के रूप में विकसित करने के लिए प्रोत्साहित
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